रांची: केंद्रीय मंत्री के द्वारा झारखंड का बकाया होने से इनकार किए जाने के बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। झारखंड के अफसरों को इस बात का एहसास हुआ है कि तकनीकी रूप से केंद्रीय मंत्री का जवाब सही है और इस पर कोई इनकार नहीं कर सकता है कि बकाया केंद्र सरकार पर नहीं होकर केंद्रीय उपक्रमों पर है।खासकर कोल कंपनियों पर बकाया है और राज्य सरकार केंद्र से इस निमित्त शीघ्र ही पत्राचार करेगी। पत्राचार केंद्रीय कोयला मंत्री और प्रधानमंत्री से ही किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इसकी तैयारी कर ली गई है।…
वित्तमंत्री ने लिया हेमंत सोरेन का नामवित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार झारखंड के सर्वांगीण विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है। राज्य के संपूर्ण विकास के लिए राज्य सरकार के पास बहुआयामी योजना के साथ-साथ दूरदर्शिता भी है। विकास के उद्देश्य को राज्य अपने आय के आंतरिक स्रोतों से पूरा करने में असमर्थ है।…
जनजाति बाहुल्य राज्य के सर्वांगीण विकास में भारत सरकार का आर्थिक सहयोग आवश्यक है। केंद्र सरकार वाश्ड कोल रायल्टी का 2900 करोड़, कामन काज का 32000 करोड़ तथा भूमि मुआवजा मद में एक लाख एक हजार 142 करोड़ रुपये यानि कुल ।.36 लाख करोड़ रुपये बकाया राशि झारखंड को उपलब्ध कराए।…
ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती में करें सहयोग
वित्त मंत्रियों के सम्मेलन में राधाकृष्ण किशोर ने सिलसिलेवार तरीके से अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा कि झारखंड की गोद में अमीरी तो है, परंतु इसकी कोख में गरीबी है। राज्य की प्रतिव्यक्ति आय एक लाख पांच हजार 274 रुपये है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन-पांच के अनुसार, राज्य की लगभग 65% महिलाएं रक्त की कमी से ग्रसित हैं। पांच वर्ष तक की आयु वाले 67% बच्चे कुपोषण के शिकार हैं।….
पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के माध्यम से छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका और आय के स्त्रोत में वृद्धि की जा सकती है। राज्य में प्रति वर्ष 26.29 लाख मैट्रिक टन दुग्ध उत्पादन होता है, जबकि राष्ट्रीय औसत 2210.64 मैट्रिक टन है। राज्य में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति मात्र 195 ग्राम दूध उपलब्ध होता है, जबकि राष्ट्रीय औसत 444 ग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए दुग्ध उत्पादन, मत्स्य एवं पशुपालन के क्षेत्र में भारत सरकार का सहयोग आवश्यक है।…
पेंशन की राशि बढ़ाएं, रेलवे में अंशदान हो 50:50
सम्मेलन में जानकारी दी गई कि इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी दिव्यांग पेंशन योजना, इंदिरा गांधी विधवा पेंशन योजना में वर्ष 2012 से केंद्र सरकार द्वारा क्रमशः 200 रुपये, 300 रुपये तथा 300 रुपये की दर से पेंशन राशि दी जाती है। मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए इसे संशोधित किए जाने की आवश्यकता है। रेल ओवरब्रिज के निर्माण लागत में केंद्र-राज्य सरकार के दायित्व का कुल लागत का क्रमशः 50:50 किया जाए।…